Tuesday, January 25, 2022

मुहावरे और लोकोक्तियाँ / idoms and proverbs / Chapter-12 / class-1-2-3-4 / New St. Mery English School

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मुहावरे और लोकोक्तियाँ 

 मुहावरे किसे कहते हैं ?

वे वाक्यांश जो सामान्य अर्थ से भिन्न एक विशेष अर्थ देते हैं , मुहावरे कहलाते हैं। 

जैसे - अंगुली उठाना - निंदा करना 

        अंधे की लाठी - एकमात्र सहारा

दिए गए मुहावरों के अर्थ लिखकर वाक्यों में प्रयोग करो। 

1 - अंगुली उठाना - निंदा करना

वाक्य - सच्चाई जाने बिना किसी पर अंगुली उठाना अच्छी बात नहीं है। 

2 - अंधे की लाठी - एकमात्र सहारा   

वाक्य - इकलौता  सतीश अपनी बेसहारा माँ के लिए अंधे की लाठी है।  

3 - अंग -अंग मुसकराना - बहुत प्रसन्न होना 

वाक्य - महेश को सरकारी नौकरी मिल गई , यह समाचार प्राप्त होते ही उसकी माँ का अंग -अंग मुसकरा उठा। 

4 - अपना उल्लू सीधा करना - स्वार्थ पूर्ति करना 

वाक्य - आजकल हर कोई दूसरों की परवाह किए बिना अपना ही उल्लू सीधा करना चाहता है। 

5 - अंगारे उगलना - क्रोध में कटु वचन बोलना 

वाक्य - छोटी - छोटी बातों पर हमें अंगारे नहीं उगलने चाहिए। 

6 - अपने मुँह - मियाँ मिटठू बनना - अपनी प्रशंसा स्वयं करना 

वाक्य - रहने दो , अपने मुँह-मियाँ मिटठू मत बनो , मैं तुम्हारी योग्यता को जानता हूँ।  

7 - आग - बबूला होना -बहुत अधिक क्रोध करना। 

वाक्य - बेटे की गलती पर पिता आग - बबूला हो गया। 

8 - आँखों का तारा - बहुत अधिक प्यारा 

वाक्य - कान्हा माता यशोदा के आँखों का तारा थे। 

निचे दिए गए मुहावरों के अर्थ लिखें  

1 - आँखे खुलना - सच्चाई का ज्ञान होना 

2 - ईद का चाँद होना - बहुत दिनों बाद दिखाई देना। 

3 - उल्लू बनाना - मुर्ख बनाना 

4 - एक और एक ग्यारह होना - संगठन में शक्ति होना 

5 - एड़ी -चोटी का जोर लगाना - कठिन परिश्रम करना 

6 - कान पकड़ना - क्षमा मांगना 

7 - कण पर जूँ न रेंगना - कोई ध्यान न देना  

8 - कान कतरना  - बहुत होशियार होना 

9 - कान खड़े होना - सावधान होना 

10 - काठ का उल्लू  - मूर्ख व्यक्ति 

11 - कोल्हू का बैल होना - सदा काम में जुटे रहना 

12-अंग -अंग ढीला होना - बहुत अधिक थकना 

13 - अपना सा मुँह लेकर रह जाना - शर्मिंदा होना 

14 - दिमाग चकराना - कुछ समझ में न आना 

15 - अक्ल पर पत्थर पड़ना - बुद्धि से काम न लेना  

16 - आँखों पर पर्दा पड़ना - लोभ में अँधा हो जाना 

17 - आँख फेर लेना - पहले जैसी स्नेह दृष्टि न रखना 

18 -अक्ल का दुश्मन - मुर्ख व्यक्ति 

19 - अपने पाँव पर कुल्हाड़ी मारना - स्वयं अपना अहित करना 

२०- अँगूठा दिखाना - साफ मना करना 

21 - आस्तीन का साँप होना - मित्र बनकर धोखा देना 

22 - आँख में धूल झोंकना - धोखा देना 

23 - आसमान से बातें करना - बहुत ऊँचा होना 

24 - ईंट से ईंट बजाना - नष्ट - भ्रष्ट करना 

25 - ईंट का जवाब पत्थर से देना - दुष्ट के साथ दुष्टता का व्यवहार करना  






Friday, January 21, 2022

विशेषण / Adjective / Chapter-12 / class-5-6-7-8 / New St. Mery English School

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 विशेषण किसे कहते हैं ?

उत्तर - वे शब्द जो संज्ञा एवं सर्वनाम शब्दों की विशेषता बताते हैं , वे विशेषण कहलाते हैं। 

जैसे - मोटा बच्चा ,  ऊँचा मकान मीठा सेब बहादुर सिपाही ,  तीन कलम लाल कमीज

विशेष्य किसे कहते हैं ?

उत्तर - विशेषण , जिस संज्ञा या सर्वनाम शब्द की विशेषता बताती है , उसे विशेष्य कहते है। 

जैसे - ऊँचा पर्वत ,इसमें पर्वत विशेष्य है 

विशेषण कितने प्रकार के होते हैं ?

उत्तर - विशेषण चार प्रकार के होते हैं 

1 - गुणवाचक  विशेषण

2 - संख्यावाचक विशेषण

3 - परिमाणवाचक विशेषण

4 - संकेतवाचक विशेषण 

गुणवाचक विशेषण किसे कहते हैं ?

उत्तर - वे शब्द जो संज्ञा अथवा सर्वनाम के गुण , दोष , रंग , रूप ,अवस्था ,आकार आदि का बोध कराते  है , उसे गुणवाचक विशेषण कहते हैं। 

जैसे - दयालु , कामचोर , कला , गोल , मीठा , युवा  आदि   

प्रमुख गुणवाचक विशेषण 

गुण - अच्छा , बुरा , भला , सुशील , विनम्र , दयालु , सच्चा , वीर आदि। 

दोष - क्रोधी , झूठा , दुष्ट , पापी आदि। 

रंग - काला , पीला , हरा , लाल आदि। 

काल - प्राचीन , नवीन, ताजा, बासी , पाक्षिक , मासिक  आदि। 

स्थान - इलाहाबादी , लखनवी , भारतीये , ग्रामीण आदि 

गंध - सुगंधित , दुर्गंधयुक्त , खुशबूदार आदि। 

अवस्था - बाल , युवा , प्रौढ़ , वृद्ध , आदि। 

स्पर्श - गर्म , ठंडा , कोमल , कठोर , खुरदरा आदि। 

स्वाद - खट्टा , मीठा , चटपटा , कसैला , नमकीन , तीखा आदि। 

आकार - लंबा , ठिगना , नाटा , बड़ा , गोला , चौकोर , नुकीला आदि। 

संख्यावाचक विशेषण किसे कहते हैं ?

उत्तर - वे विशेषण  जो संज्ञा अथवा सर्वनाम की संख्या का बोध कराते हैं , उसे संख्यावाचक विशेषण कहते हैं। 

जैसे - ग्यारह , कुछ , पहला आदि 

संख्यावाचक विशेषण कितने प्रकार के होते हैं ?

उत्तर - संख्यावाचक विशेषण दो प्रकार के होते हैं। 

1 - निश्चित संख्यावाचक विशेषण 

2 - अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण

निश्चित संख्यावाचक विशेषण किसे कहते हैं ?

उत्तर - वे  विशेषण शव्द जिनसे निश्चित संख्या का बोध होता है उसे निश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते है

जैसे - एक , दूसरा  आदि 

अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण किसे कहते हैं ?

उत्तर - वे  विशेषण शव्द जिनसे निश्चित संख्या का बोध नहीं  होता है उसे अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं।

जैसे -कुछ , थोड़ी ,बहुत आदि 

परिमाणवाचक विशेषण किसे कहते हैं ?

उत्तर - वे विशेषण  जो नाप - तोल का बोध कराए उसे परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं। 

जैसे - पाँच लीटर , दो मीटर , तीन किलोग्राम, थोड़ा चीनी ,कुछ फल आदि

परिमाणवाचक विशेषण कितने प्रकार के होते हैं ?

उत्तर - परिमाणवाचक विशेषण दो प्रकार के होते हैं। 

1 - निश्चित परिमाणवाचक विशेषण 

2 - अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण

निश्चित परिमाणवाचक विशेषण किसे कहते हैं ?

उत्तर - वे  विशेषण शव्द जिनसे निश्चित मात्रा  का बोध होता है उसे निश्चित परिमाणवाचक विशेषण कहते है

जैसे - पाँच लीटर , दो मीटर , तीन किलोग्राम आदि

अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण किसे कहते हैं ?

उत्तर - वे  विशेषण शव्द जिनसे निश्चित मात्रा  का बोध नहीं  होता है उसे अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं।

जैसे - थोड़ा चीनी ,कुछ फल, अधिक पानी , थोड़ा -सा मीठा आदि

संकेतवाचक विशेषण किसे कहते हैं ?

उत्तर - जिस विशेषण शव्दों से किसी संकेत का बोध होता है , उसे संकेतवाचक विशेषण कहते हैं। 

जैसे - मेरी , तुम्हारी , यह , वह आदि 

विशेषण की कितनी अवस्थाएँ होती है ?

उत्तर - विशेषण की तीन अवस्थाएँ होती है। 

1 - मूलावस्था 

2 - उत्तरावस्था 

3 - उत्तमावस्था

मूलावस्था किसे कहते हैं ?

उत्तर - विशेषण की वह अवस्था जिसमे विशेषण अपने मूल रूप में प्रयोग किया जाता है , मूलावस्था कहलाता है। 

जैसे - गीता सुंदर है। 

उत्तरावस्था किसे कहते हैं ?

उत्तर - विशेषण की वह अवस्था जिसमे विशेषण के द्वारा दो व्यक्तियों या दो वस्तुओं की तुलना की जाती है ,विशेषण की उत्तरावस्था कहलाती  है। 

जैसे - कविता गीता से सुंदरतर है। 

उत्तमावस्था किसे कहते हैं ?

उत्तर - विशेषण की वह अवस्था जिसमे विशेषण के द्वारा दो से अधिक व्यक्तियों या वस्तुओं की तुलना की जाती है ,विशेषण की उत्तमावस्था कहलाती  है। 

जैसे - बबिता क्लास में सुंदरतम लड़की है। 

निचे दिए गए मूलावस्था के उत्तरावस्था एवं उत्तमावस्था लिखें।

 मूलावस्था 

 उत्तरावस्था 

 उत्तमावस्था 

 उच्च 

 उच्चतर 

 उच्चतम 

 न्यून 

 न्यूनतर 

 न्यूनतम 

 नीच 

 नीचतर 

 नीचतम 

 महान 

 महानतर 

 महानतम 

 लघु 

 लघुतर 

 लघुतम 

 श्रेष्ठ 

 श्रेष्ठतर 

 श्रेष्ठतम 

 वृहत 

 वृहत्तर 

 वृहत्तम 

 गुरु 

 गुरुतर 

 गुरुतम 

 निम्न 

 निम्नतर 

 निम्नतम 

 मधुर 

 मधुरतर  

 मधुरतम 

 सुंदर 

 सुंदरतर

 सुन्दरतम 

 दृढ़ 

 दृढ़तर 

 दृढ़तम 

 अधिक 

 अधिकतर 

 अधिकतम 

 

विशेषण शब्दों की रचना

1 - कुछ शब्द मूल रूप से विशेषण होते हैं। 

जैसे - अच्छा , बुरा , काला , गोरा , सुंदर , भद्दा , बुद्धिमान , मुर्ख आदि 

2 - कुछ संज्ञा शब्दों में 'आ ' प्रत्यय लगाकर विशेषण बनाए जाते हैं। 

जैसे - ठंड + आ  = ठंडा 

       भूख + आ = भूखा 

        प्यास + आ = प्यासा 

        नील + आ = नीला

3 - कुछ संज्ञा शब्दों में 'आलु  ' प्रत्यय लगाकर विशेषण बनाए जाते हैं। 

जैसे - ईषर्या + आलु  = ईषर्यालु

         दया  + आलु  = दयालु 

        शंका  + आलु  = शंकालु 

        कृपा + आलु  = कृपालु 

4  - कुछ संज्ञा शब्दों में 'इक' प्रत्यय लगाकर विशेषण बनाए जाते हैं। 

जैसे - अर्थ + इक  = आर्थिक 

        आत्म + इक = आत्मिक 

       अंश +इक = आंशिक 

       मास +इक = मासिक 

       दिन + इक = दैनिक 

       परिवार + इक = पारिवारिक 

       साहित्य + इक = साहित्यिक

       वर्ष + इक = वार्षिक 

       समाज + इक = सामाजिक 

5 - कुछ संज्ञा शब्दों में 'इत ' प्रत्यय लगाकर विशेषण बनाए जाते हैं। 

जैसे - फल + इत = फलित 

         पुष्प + इत = पुष्पित 

         जीव + इत = जीवित 

         पीड़ा + इत = पीड़ित 

         विकास + इत = विकसित 

         अंक + इत = अंकित 

         अपमान + इत = अपमानित 

         घृणा + इत = घृणित 

5  - कुछ संज्ञा शब्दों में 'ई' प्रत्यय लगाकर विशेषण बनाए जाते हैं।

      देहात + ई = देहाती 

      रोग + ई = रोगी 

      दुःख + ई = दुःखी 

      मद्रास + ई = मद्रासी 

      धन + ई = धनी 

6  - कुछ संज्ञा शब्दों में 'ईन' प्रत्यय लगाकर विशेषण बनाए जाते हैं।

      रंग + ईन = रंगीन 

      कुल + ईन = कुलीन 

7 - कुछ संज्ञा शब्दों में 'इण' प्रत्यय लगाकर विशेषण बनाए जाते हैं।

      ग्राम + ईन = ग्रामीण 

8 - कुछ संज्ञा शब्दों में 'ईला' प्रत्यय लगाकर विशेषण बनाए जाते हैं।

     रस + ईला = रसीला 

     भड़क + ईला = भड़कीला 

     हठ + ईला = हठीला 

     चमक + ईला = चमकीला 

 9 - कुछ संज्ञा शब्दों में 'ईय ' प्रत्यय लगाकर विशेषण बनाए जाते हैं।

      स्मरण + ईय = स्मरणीय 

      स्थान + ईय = स्थानीय 

      राष्ट्र + ईय = राष्ट्रीय